Astha institution adopted five malnourished children

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ASTHA संस्था ने केंद्र के पांच कुपोषित बच्चों को लिया गोद

ASTHA संस्था ने केंद्र के पांच कुपोषित बच्चों को लिया गोद

महराजगंज 02 अक्टूबर । आंगनबाड़ी केंद्रों पर 22 सितंबर को संपन्न हुई स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा में सर्वाधिक अंक पाने वाले तीन बच्चों को सम्मानित किया गया। जिले भर में हुई इस प्रतियोगिता में 2.65 लाख बालक, बालिकाओं ने हिस्सा लिया था। सभी प्रतिभागियों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले तीन बालक-बालिकाएं विजेता घोषित किये गये थे। इन विजेता बच्चों और माताओं को खिलौने आदि सामग्री देकर सम्मानित किया गया।

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) के बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश कुमार के निर्देशन में सभी 3164 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पुरस्कार वितरण किया गया. इसी क्रम में बाल विकास परियोजना सदर के सीडीपीओ विजय चौधरी ने आंगनबाड़ी केंद्र सतभरिया पर पहुंच कर विजेताओं अनमोल, नमन तथा काव्या को पुरस्कृत किया। बच्चों को टाफी, बिस्कुट व चाकलेट वितरित किये। उन्होंने बताया कि बच्चों की मासिक वृद्धि निगरानी, व्यक्तिगत स्वच्छता, लंबाई, ऊंचाई व वजन के सापेक्ष पोषण की स्थिति, उनके आहार की स्थिति, आयु आधारित टीकाकरण और डिवार्मिंग के मानकों पर 50 अंकों में बच्चों का मूल्यांकन किया गया।

मुख्य सेविका सीमा दुबे ने बताया कि प्रतिस्पर्धा के जरिये समुदाय को यह संदेश दिया गया कि जन्म से छह माह तक बच्चे को सिर्फ स्तनपान करवाना चाहिए। छह माह से तीन वर्ष तक प्राप्त होने वाले अनुपूरक पुष्टाहार का नियमित सेवन करना है। तीन से पांच वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र पर उपस्थित होना है और अनुपूरक पुष्टाहार का सेवन जारी रखना है। बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए कीड़े मारने की दवा का सेवन करना है।

पांच वर्ष की उम्र तक बच्चों को पांच साल में सात बार नियमित टीकाकरण करवा कर 12 प्रकार की बीमारियों से बचाना है। बच्चों को हाथों की स्वच्छता एवं नाखून काटने के बारे में जागरूक करना है।इस अवसर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नूरी पांडेय, मीरा,सहायिका बिंदा यादव, शांति देवी, मालती, अंगीरा, माधुरी, दुर्गावती, सकीना प्रमुख रूप से मौजूद रहीं।

कुपोषण चक्र तोड़ कर बच्चों को बनाएं सेहतमंद
Managing Director
शालिनी अग्रवाल
Managing Director

आंगनबाड़ी केन्द्र पर सतभरिया पर ही आस्था संस्था की प्रबंध निदेशक शालिनी अग्रवाल ने गांधी जयंती के अवसर पर पांच कुपोषित बच्चों को गोद लिया। गोद लिए गए बच्चों को पोषण सामग्री भी वितरित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शालिनी अग्रवाल ने कहा कि कुपोषण चक्र तोड़ने और मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में मातृ पोषण की अहम भूमिका है। बच्चों के प्रथम एक हजार दिन उनके जीवन की आधारशिला होती है। ऐसे में गर्भवती को गर्भावस्था से ही अपने तथा अपने होने वाले बच्चे की सेहत को लेकर सचेत रहना चाहिए।

उन्होंने बताया कि स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के लिए मां का भी स्वस्थ रहना जरूरी है, क्योंकि स्वस्थ मां ही सेहतमंद बच्चे को जन्म दे सकती है। जिनके बच्चे कुपोषित अथवा अति कुपोषित हैं, वह माताएं बच्चों को सुपोषित करने के लिए पौष्टिक आहार देतीं रहें। समय-समय पर उनका वजन, लंबाई और ऊचाई का माप करा कर उनकी स्थिति के बारे में जानकारी लेती रहें। संस्था ने जिन पांच बच्चों को गोद लिया है उनमें नरगिस ( 19 माह) सृष्टि ( आठ माह) अनामिका ( साढ़े तीन साल) प्रज्ञा ( आठ माह) तथा आयुष( 28 माह) के नाम हैं। संस्था समय समय पर इन बच्चों का फाॅलोअफ करने की भी बात कहीं।