1. ग्रामीण विकास के क्षेत्र में सहायता करना :-
a. सड़क निर्माण की व्यवस्था करना।
b. बंजर भूमि विकास की व्यवस्था करना।
c. बिजली की व्यवस्था करना।
d. पीने के पानी की व्यवस्था करना।
e. ग्रामीण पर्यटन की व्यवस्था करना।
2. शिक्षा एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में :-
a. परम्परागत, वैदिक ज्ञान-विज्ञान की शिक्षा को विकसित करना।
b. प्राथमिक विद्यालय से लेकर महाविद्यालय तक की स्थापना।
c. तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में काॅलेज, डिप्लोमा काॅलेज की स्थापना।
d. भाषायी समूहों का अध्ययन्दपअमतेपजल कराकर एक बिषय तैयार करना।
e. सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ निम्न क्षेत्रो में कार्य करना।
i. शास्त्रीय संगीत, नृत्य के क्षेत्र में।
ii.लोकगीत,लोकनृत्य के क्षेत्र में।
iii.जनजातीय सांस्कृतिक अध्ययन सर्वेक्षण।
3. खादी ग्रामोद्योग एवं कुटीर उद्योग के क्षेत्र में :-
a. ग्राम सभाओं में विभिन्न प्रकार के कुटीर उद्योगों की स्थापना करना।
b. समूह बना कर चौपालों के माध्यम से रोजगार प्रदान करना।
c. परंपरागत, रचनात्मक कुटीर उद्योग की स्थापना में आ रही बाधाओं को दूर करना, कराना।
4. पर्यावरण एवं वृक्षारोपण के क्षेत्र में :-
a. प्रदुषण नियंत्रण के लिए जागरूकता उत्पन्न करना।
b. वृक्ष लगाना तथा दूसरों को सहायता देकर प्रोत्साहित करना।
c. फलों एवं सब्जियों तथा जड़ी-बूटियों के उत्पादन एवं मूल्य वृद्धि सम्बन्धी प्रयासों को प्रोत्साहन देना।
d. पशुओं के लिए नवीनतम नस्ल तैयार कराकर सरंक्षण देना तथा चरागाहों की आधुनिक तरीकों वाली व्यस्था करना।
5. महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में :-
a. महिलाओं का उनके बीमारियों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करना तथा उससे बचाना।
b. बच्चों को कुपोषण से बचाना।
c. समूह बनाकर व्यवसायिक रचनात्मक कार्य करना।
d. सिलाई, बुनाई, कढ़ाई, पेन्टिंग आदि की विचैलिया-हीन बिक्री प्रणाली विकसित करना।
e. महिलाओं को शिक्षा एवं सांस्कृतिक शिक्षा देकर सामाजिक उत्थान करना तथा समस्याओं से सम्बन्धित अध्ययन कार्य।
f. महिलाओं के चारित्रिक, बौद्धिक एवं आर्थिक विकास हेतु प्रबन्ध करना तथा महिलाओं की समस्याओं के सम्बन्धित अध्ययनरत g. विद्यालय का संचालन करना।
h. महिलाओं की दशा को सुधारने के लिए शिक्षण संस्थाओं की स्थापना तथा उनका संचालन करना।
6. बृद्ध व्यक्तियों की सेवा के क्षेत्र में :-
a. डे-केयर सेण्टर स्थापित करना।
b. वृद्ध व्यक्तियों की आम बीमारियों पर नियत्रंण हेतु सार्थक प्रयासो को विभिन्न माध्यमों से प्रोत्साहित करना।
c. असमर्थ वृद्ध व्यक्तियों के आवास, भोजन, चिकित्सा आदि की सार्थक व्यवस्था करने वाली संस्थाओं को यथा सम्भव d. अधिकाधिक सहयोग करना।