9492 Healthy Children will be Rewarded on October 2

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दो अक्टूबर को पुरस्कृत होंगे 9492 स्वस्थ बच्चे

दो अक्टूबर को पुरस्कृत होंगे 9492 स्वस्थ बच्चे
उत्सव के रूप में 3164 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मनाया गया बालक बालिका स्पर्धा कार्यक्रम -सभी केन्द्रों पर परखी गयी बच्चों की सेहत
स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा का मुख्य उद्देश्य सुपोषित प्रदेश की परिकल्पना को साकार करना है। इसकी सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग, ग्राम प्रधान व पोषण पंचायत की महत्वपूर्ण भूमिका है। कार्यक्रम का उद्देश्य पांच वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना, पोषण की महत्ता पर जागरूकता बढ़ाना तथा एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनाना है।
दुर्गेश कुमार
जिला कार्यक्रम अधिकारी

महराजगंज 22 सितंबर 2022 राष्ट्रीय पोषण माह में गुरुवार को जिले के सभी 3164 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा कार्यक्रम उत्सव के रूप में मनाया गया। प्रतियोगिता में चयनित सभी केन्द्रों के एक-एक बच्चे को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार मिलेगा। आगामी दो अक्टूबर को सभी केन्द्रों पर कुल 9492 बच्चों को कार्यक्रम आयोजित कर पुरस्कृत किया जाएगा।

जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश कुमार ने बताया कि स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा का मुख्य उद्देश्य सुपोषित प्रदेश की परिकल्पना को साकार करना है। इसकी सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग, ग्राम प्रधान व पोषण पंचायत की महत्वपूर्ण भूमिका है। कार्यक्रम का उद्देश्य पांच वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना, पोषण की महत्ता पर जागरूकता बढ़ाना तथा एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनाना है।

कार्यक्रम के दौरान सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ग्रोथ माॅनिटरिंग डिवाइस, ग्रोथ चार्ट तथा कम्युनिटी ग्रोथ चार्ट की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गयी। बच्चों का वजन लेने के पश्चात वजन, लंबाई और ऊंचाई की फीडिंग पोषण ट्रैकर एप पर की गयी। स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा में स्थानीय संस्थाओं, स्वयं सहायता समूहों, शैक्षणिक संस्थानों, आशा तथा एएनएम का सहयोग लिया गया। समुदाय में स्वास्थ्य और पोषण के मुद्दे पर प्रतिस्पर्धात्मक जागरूकता लाने का प्रयास किया गया।

डीपीओ ने लोगों से अपील की है कि स्पर्धा कार्यक्रम में कुपोषण मिटाने के लिए मिली जानकारी को अपने व्यवहारिक जीवन में उतार कर अपने बच्चों को सुपोषित बनाएं।
कुपोषण चक्र तोड़ने और मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में मातृ पोषण की अहम भूमिका है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए। समय-समय पर चेकअप कराते रहना चाहिए। पौष्टिक आहार, हरी सब्जी, मौसमी फल एवं अन्य पोषक सामग्री का सेवन करते रहना चाहिए, क्योंकि सेहतमंद मां ही स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है।

सदर ब्लाॅक के आंगनबाड़ी केन्द्र रमपुरवा पर मुख्य सेविका सीमा दुबे की देख रेख में आयोजित बालक बालिका स्पर्धा कार्यक्रम में कुल 45 बच्चों में प्रतिभाग किया, जिनकी सेहत की जांच कर पोषण ट्रैकर एप फीड किया गया। प्रतियोगिता में अनमोल को प्रथम, नमन को द्वितीय तथा सोनाली को तृतीय स्थान मिला। इन तीनों को दो अक्टूबर को पुरस्कृत किया जाएगा।

स्पर्धा में अपने 16 माह के स्वस्थ बच्चे को लेकर आई माधुरी ने बताया कि वह गर्भावस्था से अपने और अपने होने वाले बच्चे को लेकर सचेत रहीं। प्रसव पूर्व तीन बार सदर सामुदायिक स्वास्थ्य पर चिकित्सक से जांच कराईं और टीकाकरण भी कराया। अस्पताल से मिले आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड की गोली भी खाती रहीं । पौष्टिक आहार, मौसमी फल, हरी सब्जी और दूध का सेवन करने के बारे में बताया गया। इस सलाह का पालन किया। आंगनबाड़ी केन्द्र से मिलने वाले पोषाहार और सूखा राशन से भी भोजन बना कर खाने के बारे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नूरी पांडेय ने बताया। जब प्रसव हुआ तो तीन किलो का बच्चा पैदा हुआ। छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराया। छह माह बाद अनुपूरक आहार के साथ स्तनपान भी जारी रखा। बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है।

केन्द्र से जुड़ी एक अति कुपोषित बच्चे की माँ अनीता यादव ने बताया कि बच्चा जब पैदा हुआ तो वह पूरी तरह से स्वस्थ था। भरपूर दूध होने की वजह से वह छह माह बाद अनुपूरक आहार देना नहीं शुरू कर सकीं, जो उनकी गलती थी। जब बच्चे को कुछ भी खिलाती थीं तो वह उगल देता था। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने छह माह बाद अनुपूरक आहार के साथ स्तनपान जारी रखने को सलाह दी थीं , लेकिन भर दूध होने की वजह से इन बातों पर ध्यान नहीं दिया। यही गलती बच्चे के अति कुपोषित होने का कारण बन गयी।